'Turmerican Vegetarian Cuisine' 'हल्दी राम' ,'हल्दी -चाय' जित देखूं तित हल्दी

'Turmerican Vegetarian Cuisine' 'हल्दी राम' ,'हल्दी -चाय' जित देखूं तित हल्दी 

जन्म से लेकर मृत्यु परंत हल्दी से हमारा रिश्ता रहा है। पूजा की थाली हो या दुल्हन का गोरा बदन हल्दी चढ़े तो खिले। कहीं पर किसी बिल से चींटियों की कतार निकलके पूरे घर में कश्मीरी अलगाव -वादियों की तरह फैलने लगे ,हल्दी पूर दीजिए बिल के गिर्द चींटियां भाग खड़ी होंगी।इसीलिए शव के गिर्द शव के निपटान से पूर्व एक हल्दी की रेख पूर दी जाती है। 
आँवा हल्दी अनेक रोगों में काम आती है। बचपन में जब गुम चोट लग जाती थी ,हल्दी की पुल्टिस बनाके चोट पर आहिस्ता से बाँध दी जाती थी। इन्फ्लेमेशन गायब। सूजन गायब। 
आश्चर्य नहीं ग्रीन टी के बाद आप हल्दी चाय को भी आज़माएँ और पाएं अरे साहब इसके तो कहने ही क्या बहुगुणी है हल्दी चाय। 

इसमें मौजूद हैं जैव सक्रिय यौगिक (polphenolic compund )करक्यूमिन (curcumin).इसी की हल्दी में मौजूदगी की वजह से भारतीय पाक शैली 'इंडियन किसीने '(Indian cuisine )के अलावा 'टर्मेरिक करक्यूमिन 'कैप्स्युल्स भी बाज़ार में बिक रहें हैं। 

अलावा इस यौगिक के हल्दी में मौजूद वाष्पशील चिकनाइयां (तेल ),पोटेशियम ,ओमेगा -३ फैटी एसिड्स ,लिनोलेनिक एसिड्स ,अनेक प्रोटीनें और सुपाच्य कार्बोहाइड्रेट्स और खाद्य रेशे हल्दी को एक सुपर फ़ूड का दर्ज़ा दिलवा देते हैं।

 गुण ही गुण हैं सगुण सलौनी हल्दी में -एंटी -इंफ्लेमेटरी ,एनलजेसिक ,एंटी -माइक्रोबियल ,थर्मोजिनिक  होने के अलावा इसमें उन तमाम खनिजों और विटामिनों का डेरा है जिन्हें एन्टीऑक्ससिडेंट कहा जाता है। 

यही आपकी सच्ची माशूका है आपकी देह को संभालेगी चंगा रखेगी और मोटापा भी चढ़ने न देगी। कहेगी भाई मेरी कुछ तो लाज रखो -थोड़ा घूमा फिरो भी। बैठे ठाले ,तौंद निकाले। अमित शाह की तरह सक्रिय रहो मोदी की तरह कर्मठ बस हल्दी से प्यार करो। 

भले पियो अरे दिन में दो दो बार पियो हल्दी वाली चाय पियो । फ़टाफ़ट तैयार एक कप पानी में थोड़ा सा अदरक डालिये उबलने दीजिये इसे थोड़ी देर ,अब एक चुटकी हल्दी पाउडर डालकर गैस चूल्हा जो भी है वहां से बर्तन को हटा लीजिये। तुरता छान लीजिये ठंडा होने दीजिए जल्दी क्या है कमरे के ताप पर आने दीजिये इस पेय को -हल्दी चाय को। 
न गैस बनेगी न डकारें आएंगी । पाचन चक्की ठीक से चलेगी जनाब ! शौक से रहिये इस माशूका के साथ। 
आपका लिवर तैयार करता है पित्त हल्दी चाय का सेवन इसकी उचित मात्रा बने इसको तय करेगा। पाचक रस है यह पित्त वसाओं के पाचन में मदद करता है। बेहतरीन एमल्सि-फाइंग  एजेंट है।
आपके खून में तैरती  शक्कर को रेगुलेट करती है हल्दी चाय। इन्सुलिन हारमोन सही काम करे इसे पुख्ता करती है।दर्द हारी होने के अलावा यह रोग पूर्व की अनेक स्थितियों से यथा खून में घुली जरूरत से ज्यादा चर्बी ,खून में तैरती अतिरिक्त शक्कर ,पेट को चर्बी का गोदाम होने से रोकती है। इन तमाम लक्षणों को ही मेटाबोलिक सिंड्रोम कह दिया जाता है।   
  


Comments

Popular posts from this blog

जयतु जयतु भारतम ! विश्व प्रेम की ओढ़ चदरिया

Red and yellow ,Black and White ,All are precious ,In God's sight

हर गली ,हर मोहल्ले में ,अब फैला ,आतंकवाद इस चिंता के विषय ने ,किया देश को बर्बाद ........मास्टर चिन्मय शर्मा