हर गली ,हर मोहल्ले में ,अब फैला ,आतंकवाद इस चिंता के विषय ने ,किया देश को बर्बाद ........मास्टर चिन्मय शर्मा (१ ) मानवता का पर्याय ,बन रहा है यह साया , मनुष्य को अब इसने, अपने चंगुल में है फंसाया। घातक तथा भयंकर है ,इसकी मोह -माया , हड़प ली है इसने ,मनुष्य की काया। भलाई का अब इस देश पर, नहीं रहा आशीर्वाद , हर गली ,हर मोहल्ले में ,फैला अब आतंकवाद। (२ ) लोगों की प्रकृति और आचरण हो रहे हैं विनष्ट , मासूमों को इन जुल्मों से हो रहा है कष्ट , ये कैसा है बापू के कल्पनाओं का जग , एक महात्मा को दिया हम सबने ठग , कुछ सुरों के कारण आशावाद अभी है नाबाद , मगर हर गली हर मोहल्ले में अब फैला आतंकवाद। (३ ) आशावादी सोच के विकास की है अब आस , एकता हो साथ तो हर लक्ष्य लगता पास , अडिग दृढ निश्चय से हमें ,लेना होगा काम , तब ही हो पायेगा ,इस बुरे साये का काम तमाम, जीत के लिए हमें लेना होगा एकता और निश्चय का साथ , अन्यथा हर गली ,हर मोहल्ले में फैलता रहेगा आतंकवाद। चिन्मय शर्मा , तीस अग
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