हर गली ,हर मोहल्ले में ,अब फैला ,आतंकवाद इस चिंता के विषय ने ,किया देश को बर्बाद ........मास्टर चिन्मय शर्मा


rebel militant terrorist guerrilla concept


हर गली ,हर मोहल्ले में ,अब फैला ,आतंकवाद

इस चिंता के विषय ने ,किया देश को बर्बाद ........मास्टर चिन्मय शर्मा 

                        (१ )

मानवता का पर्याय ,बन रहा है यह साया  ,

मनुष्य को  अब इसने, अपने चंगुल में है फंसाया।

घातक तथा भयंकर है ,इसकी मोह -माया ,

हड़प ली है इसने ,मनुष्य  की काया।

भलाई का अब इस देश पर, नहीं रहा आशीर्वाद ,

हर गली ,हर मोहल्ले में ,फैला अब आतंकवाद।

                        (२ )
लोगों की प्रकृति और आचरण हो रहे हैं विनष्ट ,

मासूमों को इन जुल्मों से हो रहा है कष्ट ,

ये कैसा है बापू के कल्पनाओं का जग ,

एक महात्मा को दिया हम सबने ठग ,

कुछ सुरों के कारण आशावाद अभी है नाबाद ,

मगर हर गली हर मोहल्ले में अब फैला आतंकवाद।

                       (३ )
आशावादी सोच के विकास की है अब आस ,

एकता हो साथ तो हर लक्ष्य लगता पास ,

अडिग दृढ निश्चय से हमें ,लेना होगा काम ,

तब ही हो पायेगा ,इस बुरे साये का काम तमाम,

जीत के लिए हमें लेना होगा एकता और निश्चय का साथ ,

अन्यथा हर गली ,हर मोहल्ले में फैलता रहेगा आतंकवाद।

चिन्मय शर्मा ,

तीस अगस्त दो हज़ार उन्नीस।

परिचय :मास्टर चिन्मय शर्मा जो अब दिल्ली पब्लिक स्कूल ,आर. के.पुरम ,नै -दिल्ली ,कक्षा नौ के छात्र है उस वक्त जब यह रचना लिखी गई वह आर्मी पब्लिक स्कूल ,शंकर विहार ,दिल्ली -छावनी -११० ०१० ,की कक्षा आठ के छात्र थे।
आप स्वभाव से अंतर्मुखी है। अल्पभाषी मितभाषी हैं।कहते हैं ,पूत के पाँव पालने में ही दीख जाते हैं। आप विलक्षण प्रतिभा संपन्न किशोर हैं।   

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