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Showing posts from September, 2018

मोकू कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में

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मोकू  कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में                           (१ ) न तीरथ में न मूरत में न एकांत निवास में , न मन्दिर में न मस्जिद में ,न काबे कैलास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                            (२ ) न मैं जप में न मैं तप में ,न मैं बरत उपास में , न मैं किरिया  -करम में रहता ,न मैं जोग संन्यास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                           (३ ) न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में , न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में।  न मैं परबत के गुफा में ,न ही साँसों के सांस में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                          (४ )  खोजो तो तुरत मिल जावूँ ...

गहरा नाता है उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन स्ट्रोक का

गहरा नाता है उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन स्ट्रोक का सन्दर्भ -सामिग्री : https://www.patrika.com/body-soul/high-bp-hipertension-stroke-have-deep-connection-3413510/ आम तौर पर लोग तेज़ सिर दर्द को हलके में लेते हैं और सोचते हैं कि यह अपने आप ठीक हो जाएगा। लेकिन कई बार सिर दर्द का ताल्लुक अनियमित उच्च रक्तचाप (Hypertension )से भी हो सकता है। माहिरों के मुताबिक़ हो सकता है कई सालों पहले तक आपका  रक्त चाप अनियमित रहा  हो, और अब यह सिर दर्द के लक्षण के तौर पर सामने आया हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि उच्च रक्त चाप और स्ट्रोक के बीच एक गहरा ताल्लुक देखा गया है।  स्ट्रोक (Cerebral or Brain attack )की आशंका  उच्च रक्त चाप के कारण रक्त  नलिकाओं में सूजन आ सकती है ,जिसे एनयूरिज़्म कहते हैं।  A neurysm: Causes, Symptoms & Diagnosis - Healthline https://www.healthline.com/health/aneurysm An  aneurysm  occurs when an artery's wall weakens and causes an abnormally large bulge. This bulge can rupture and cause internal bleeding. Although an...

अनकही :कांग्रेस की लाज अब भोले के हाथ

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कांग्रेस की लाज अब भोले के हाथ  इसे भोले बाबा का चमत्कार ही कहा जाएगा युवराज को भोले  के परिसर में ईर्ष्या कहीं भी दिखलाई नहीं दी। इसका मतलब साफ़ है ईर्ष्या मोदी की संसद में ही थी। यदि शहजादे के अंदर होती तो वहां भी दिखलाई देती।  उनका शायद ख्याल था ईर्ष्या  वहां  भी हो लेकिन उनका अब ये मत पुख्ता हो चुका है ईर्ष्या  सिर्फ और सिर्फ मोदी की संसद में है भोले की संसद में नहीं है।  जो हो यदि उनका मन निर्मल हुआ है भांडा साफ़ हुआ  है अंदर से तो यह अच्छा ही है। मालूम हो घृणा एक प्रकार का विष होता है और भोले तो जन्मजात विषपाई हैं विषपान करते हैं इसीलिए नीलकंठ कहलाते हैं।  लेकिन इस सबसे सुरजेवाला बहुत निराश हैं अलबत्ता उनके अलावा भी कई और उनके चिरकुट लगातार उन्हें सन्देश प्रसारित कर रहें हैं वहां जफ्फी मत पाना किसी की।  वहां सब का मन निरंजन है उज्जवल है शांत और भक्ति भाव से प्रशांत हैं। अब अगर शहजादे साहब स्वेत वस्त्रों के  अंदर अधोवस्त्र भी कहीं लाल पहने होते तो सुरजेवाला अब तक उन्हें हनुमान भक्त घोषित क...